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When is Phulera Dooj in 2022? story, significance and importance of Phulera Dooj in Hind| फुलेरा दूज 2022 में कब है? तिथि, कथा, महत्व और महत्व

जानिए फुलेरा दूज से जुडी सारी जानकारी एक ही पोस्ट में। जैसे की फुलेरा दूज 2022 में कब है? फुलेरा दूज की तिथि, कहानी, इतिहास, महत्व और महत्व।

Why is Phulera Dooj celebrated and why is Holi played with flowers? | क्यों मनाई जाती है फुलेरा दूज और क्यों खेली जाती है फूलों से होली?

हिंदू पंचांग के हिसाब से हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथा अनुसार यह दिन राधा और श्री कृष्ण की पूजा का दिन माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन से भगवान श्री कृष्ण ने होली खेलने की शुरुआत की थी। इस दिन श्री कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ फूलों की होली खेली थी, तब से आज तक ब्रज में फुलेरा दूज के दिन राधा रानी और श्री कृष्ण के संग उनके भक्त फूलों की होली खेलते हैं। इस दिन मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में भव्य आयोजन होता है और राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं को फूलों से सजाया जाता है और साथ ही उनसे जीवन में ख़ुशहाली देने की प्रार्थना की जाती है।

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फुलेरा दूज 2022 में कब है? तिथि, कथा, महत्व और महत्व

When is Phulera Dooj in 2022? | फुलेरा दूज 2022 में कब है?

इस बार फुलेरा दूज 4 मार्च 2022, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन से होली का शुभारंभ होता है। फुलेरा दूज के दिन रंगीन कपड़े का छोटा सा टुकड़ा श्री कृष्ण की कमर पर बांध दिया जाता है, जो इस बात का संकेत है कि वे अब होली खेलने के लिए तैयार हैं। शयन भोग की रस्म के बाद इस कपड़े को हटा दिया जाता है। आइए जानें कि कैसे हुई फुलेरा दूज पर फूलों की होली खेलने की शुरुआत...

What is the story behind Phulera Dooj? | क्या है फुलेरा दूज के पीछे की पौराणिक कथा?

शास्त्रों में राधा रानी को प्रकृति और प्रेम की देवी माना गया है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार श्री कृष्ण अपने काम में इतने व्यस्त हो गए कि लंबे समय तक राधा रानी से मिलने नहीं पहुंचे। इससे राधा रानी दुखी हो गई। राधा रानी के दुखी होने से गोपियां भी श्री कृष्ण से रुष्ट हो गईं। इसका असर प्रकृति में दिखने लगा, अर्थात पुष्प और वन सूखने लगे। प्रकृति का यह नज़ारा देख कर श्री कृष्ण को राधा रानी की हालत का अन्दाज़ा लग गया। वह दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का था। तब से इस दिन को फुलेरा दूज के नाम से जाना जाने लगा। ब्रज में इस दिन राधा रानी और श्री कृष्ण के साथ फूलों की होली खेलने का चलन शुरू हो गया।

When is the muhurat time of Phulera Dooj? | फुलेरा दूज शुभ मुहूर्त कब है?

फाल्गुन मास की शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ गुरुवार, 3 मार्च 2022 की रात 09 बज कर 36 मिनट से होगा और यह तिथि अगले दिन यानी कि 04 मार्च 2022 शुक्रवार को रात 08 बज कर 45 मिनट तक रहेगी।

What is the significance of Phulera Dooj? | फुलेरा दूज का क्या महत्व है?

फुलेरा दूज को बेहद शुभ और दोषरहित तिथि माना जाता है। इस दिन शादी, सगाई, मुंडन, मकान या ज़मीन की ख़रीदारी आदि कोई भी कार्य बिना किसी ज्योतिषीय परामर्श के किया जा सकता है, क्योंकि इस दिन का हर क्षण शुभ होता है। जिन लोगों के जीवन में प्रेम का अभाव है, या वैवाहिक जीवन में परेशानियां हैं, उन्हें इस दिन राधा रानी और श्री कृष्ण का पूजन अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इससे राधा-कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी परेशानियां दूर होती हैं।